Encryption in Hindi
एन्क्रिप्शन (Encryption in Hindi) वह तरीका है जिसके द्वारा इन्फॉर्मेशन को गुप्त कोड में बदल दिया जाता है जिससे इन्फॉर्मेशन का रियल स्वरुप बदल जाता है। एन्क्रिप्शन द्वारा पढ़ने योग्य जानकारी को एन्कोडेड डेटा में बदला जाता है।
आज लगभग हर एक व्यक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल करता है जिस कारण से वह बहुत से ऐसे कार्य होते है जिसमें या तो जानकारी को भेजा जाता है या प्राप्त किया जाता है। यह जानकारी या तो निजी प्रकार की, लेनदेन के रूप में, व्यापर के रूप में, गोपनीय, संवेदनशील या किसी भी प्रकार की हो सकती है।
आपकी इस संवेदनशील जानकारी को डिजिटल चोर या तो चोरी कर लेते हैं या अन्य तरीकों से प्राप्त कर लेते हैं। इस प्राप्त की गयी जानकारी का इस्तेमाल आपको नुकसान पहुँचाने या गलत कार्यों के लिए किया जाता सकता है। इसलिए डिजिटल डेटा की सुरक्षा बहुत जरूरी हो जाती है। पहले भी और आज के समय में तो खासकर इंटरनेट पर डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी हो गया है।
इस तरह की डिजिटल चोरी या किसी भी तरह के साइबर क्राइम से बचने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीक का उपयोग किया जाता है। एन्क्रिप्शन एक या एक से अधिक गणितीय तकनीकों का उपयोग करके डिजिटल डेटा को सुरक्षित (Cyber Security) करने का एक साधन है।
Meaning of Encryption in Hindi
एन्क्रिप्शन वह विधि है जिसमें एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम का उपयोग दो पक्षों के बीच भेजने और प्राप्त होने वाली जानकारी को सीक्रेट कोड में बदलने के लिए किया जाता है। और जब यह जानकारी किसी भी एक पक्ष को प्राप्त हो जाती है तो उसे पासवर्ड या कुंजी (Keys) के द्वारा वापस गुप्त कोड से मूल जानकारी में बदल दिया जाता है।
और इस गुप्त कोड को सिफर टेक्स्ट (Ciphertext) कहते हैं।
डेटा एन्क्रिप्शन विधि द्वारा प्लेन टेक्स्ट (अनएन्क्रिप्टेड) डेटा को सिफरटेक्स्ट (एन्क्रिप्टेड) में ट्रांसलेट किया जाता है।

एन्क्रिप्शन के प्रकार | Types of Encryption in Hindi
एन्क्रिप्शन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – – सिमेट्रिक एन्क्रिप्शन (Symmetric Encryption) और असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन (Asymmetric Encryption)
सिमेट्रिक एन्क्रिप्शन (Symmetric Encryption in Hindi)
सिमेट्रिक एन्क्रिप्शन को प्राइवेट कुंजी एन्क्रिप्शन (Private Key Encryption) के रूप में भी जाना जाता है। जानकारी को एन्क्रिप्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक ही कुंजी (Keys) का उपयोग डिक्रिप्ट करने के लिए भी किया जाता है।
इस तरह के एन्क्रिप्शन को व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं और क्लोज्ड सिस्टम्स के लिए अच्छा माना जाता है। असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन की तुलना में सिमेट्रिक एन्क्रिप्शन ज्यादा तेज होता है।

असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन (Asymmetric Encryption in Hindi)
असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन को पब्लिक कुंजी एन्क्रिप्शन (Public Key Encryption) भी कहा जाता है। इस प्रकार के एन्क्रिप्शन में दो अलग-अलग कुंजियों (पब्लिक कुंजी और प्राइवेट कुंजी) का उपयोग किया जाता है और यह दोनों कुंजिया एल्गोरिदम द्वारा एक दूसरे से कनेक्ट होती हैं ।

एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन | End-to-end Encryption in Hindi
एन्क्रिप्शन से संबंधित एक शब्द ‘एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन’ (end-to-end encryption) जिसे आप अक्सर सुनते हैं, वह क्या है –
इस शब्द को उन एन्क्रिप्शन तकनीकों के संदर्भ में बोला जाता है जिसमें कम्यूनिकेट करने वाले केवल दो यूज़र्स, जिनके पास दोनों कुंजी (Keys) हैं, तभी कम्युनिकेशन को डिक्रिप्ट कर सकते हैं।
यहां तक कि सर्विस देने वाले (Service Providers) भी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड डेटा को डिक्रिप्ट नहीं कर सकते है। लेकिन एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड डेटा को रीसेट करना संभव है।

एन्क्रिप्शन का महत्व | Importance of Encryption in Hindi
डेटा चोरी और उससे जुडी समस्याऐं जिस गति से विकराल रूप लेती जा रही है, उसे देखते हुए आज एन्क्रिप्शन का महत्व बहुत अधिक हो जाता है, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
- इंटरनेट पर इन्फॉर्मेशन की गोपनीयता बहुत जरूरी है।
- हैकिंग एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरी है क्योंकि हैकिंग आज के समय में एक बड़े व्यवसाय के रूप में काम कर रहा है।
- कई उद्योग और सरकारी नियमों के लिए ऐसी कंपनियों की आवश्यकता होती है जो डेटा को एन्क्रिप्ट रखने का कार्य करती हैं।
एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम | Encryption Algorithms in Hindi
दो प्रकार के एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है, पहला सिमेट्रिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम (Symmetric Encryption Algorithm) और दूसरा असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम(Asymmetric Encryption Algorithm)
सिमेट्रिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम इस प्रकार हैं: –
- AES
- 3-DES
- SNOW
असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम इस प्रकार हैं: –