Cyber Crime in Hindi
साइबर अपराध (Cyber Crime) का मतलब ऐसी किसी भी आपराधिक गतिविधि है जिसमें कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क का उपयोग किया जाता है। साइबर अपराध हमेशा व्यक्तियों या हैकर्स द्वारा नहीं किया जाता है बल्कि संगठनों द्वारा भी किया जाता है।
साइबर अपराध में कई अलग-अलग प्रकार की आपराधिक गतिविधियां हो सकती है। रैंसमवेयर अटैक, ईमेल और इंटरनेट फ्रॉड, आइडेंटिटी थेफ़्ट या फाइनेंशियल अकाउंट, क्रेडिट कार्ड या अन्य भुगतान कार्ड की जानकारी चुराना या किसी व्यक्ति की पर्सनल जानकारी या किसी कॉर्पोरेट डाटा को चुराना और उसे बेच देना, साइबर अपराध किसी भी प्रकार का हो सकता है।
साइबर क्राइम साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) द्वारा ज्यादातर वित्तीय फायदे के लिए किए जाते हैं तो कुछ साइबर अपराध महत्वपूर्ण जानकारी रखने वाले कंप्यूटर या अन्य उपकरणों को नुकसान पहुंचाने या डिसएबल करने के लिए किए जाते हैं।
कुछ लोग वायरस, मैलवेयर या अन्य एन्क्रिप्टेड कोड आदि फैलाने के लिए कंप्यूटर या नेटवर्क का उपयोग करते हैं यानी, कंप्यूटर को कंप्यूटर वायरस से संक्रमित करने के लिए टारगेट करते हैं, जो कभी कभी सर्वर, डेटा वेयरहाउस और पूरे नेटवर्क में फैल जाता है।
साइबर अपराध की कैटेगरी (Category of Cyber Crimes in Hindi)
साइबर क्राइम को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है –
- ऐसे क्राइम जिनमें कंप्यूटिंग डिवाइस टारगेट है – जैसे नेटवर्क एक्सेस हासिल करना
- ऐसे क्राइम जिनमें कंप्यूटर को हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है – जैसे डिनायल-ऑफ-सर्विस (DoS) अटैक
- ऐसे क्राइम जिनमें कंप्यूटर का उपयोग किसी क्राइम की मदद के रूप में किया जाता है – जैसे अवैध रूप से प्राप्त डेटा को स्टोर करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग करना।
साइबर क्रिमिनल एक्टिविटी अपेक्षाकृत कम टेक्निकल स्किल वाले व्यक्तियों या ग्रुप द्वारा, या अत्यधिक संगठित वैश्विक आपराधिक समूहों द्वारा की जाती है जिसमें कुशल डेवलपर्स शामिल होते हैं। ऐसे साइबर अपराधी संगठन ज्यादातर उन देशों को और उसके लोगों को टारगेट करते हैं जिन देशों में कानून साइबर कानून कमजोर होते हैं।
साइबर क्राइम के प्रकार (Types of Cybercrime in Hindi)
ज्यादातर साइबर अपराध वित्तीय लाभ के लिए किए जाते हैं और इसके लिए साइबर अपराधी भुगतान पाने के तरीके अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं। साइबर क्राइम कई तरह के हो सकते हैं –
साइबर एक्सटॉरशन (Cyber Extortion in Hindi)
ऐसा साइबर क्राइम जिसके लिए पैसे की मांग की जाती है। रैंसमवेयर इसका सबसे सटीक उदाहरण है। इसमें साइबर अपराधी किसी व्यक्ति/ऑर्गनाइज़ेशन के सिस्टम तक पहुंच कर उसके डाक्यूमेंट्स और फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर देता है, जिन्हे डिक्रिप्ट करने के लिए व्यक्ति/ऑर्गनाइज़ेशन से फंड की डिमांड की जाती है। और यह फंड किसी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन आदि में भी हो सकता है।

साइबर आतंकवाद (Cyber Terrorism in Hindi)
साइबर आतंकवाद को साइबर स्पेस या कंप्यूटर रिसोर्सेज के माध्यम से आतंकवाद को फ़ैलाने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। साइबर आतंकवाद हिंसक कृत्यों को करने के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग है जिसके परिणामस्वरूप जीवन की हानि होती है। इसके अंतर्गत नागरिकों के जीवन को खतरे में डालने के लिए सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ की जा सकती हैं।
सरकार के खिलाफ अपराध को साइबर आतंकवाद के रूप में भी जाना जाता है। इस तरह के साइबर अपराध में सरकारी वेबसाइटों या सैन्य वेबसाइटों को हैक करने जैसे कृत्य शामिल है। साइबर आतंकवाद आमतौर पर आतंकवादी या दूसरे देशों की दुश्मन सरकारें करती हैं।
साइबर बुलिंग (Cyber Bullying in Hindi)
साइबर बुलिंग क्राइम से तात्पर्य, किसी व्यक्ति या सहपाठियों या अन्य साथियों को परेशान करने, डराने और धमकाने के लिए कंप्यूटर नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन सोशल नेटवर्क का उपयोग करना है।
आइडेंटिटी थेफ़्ट (Identity Theft in Hindi)
आइडेंटिटी थेफ़्ट से तात्पर्य, जब कोई धोखाधड़ी करने के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करता है और उस व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग अनधिकृत लेनदेन या खरीदारी करने जैसे कार्यों या अन्य किसी क्रिमिनल कार्य करने में करता है।

डार्क वेब (Dark Web in Hindi)
डार्क वेब (Dark Web) वह कंटेंट है जिसे सर्च इंजन में इंडेक्स नहीं किया जाता है और उसे एक्सेस करने के लिए विशेष सॉफ़्टवेयर या ऑथॉराइज़ेशन की आवश्यकता होती है। डार्क वेब कंटेंट डार्कनेट पर मिलता है, यह इंटरनेट का एक हिस्सा जिसे केवल विशेष ब्राउज़रों या विशिष्ट नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन के माध्यम से ही एक्सेस किया जा सकता है।
डार्क वेब पर वेबसाइटों को टोर एन्क्रिप्शन टूल का प्रयोग करके आमतौर पर एन्क्रिप्ट किया जाता है (और इसलिए इन्हें ट्रैक करना मुश्किल होता है)। डार्क वेब के लिए कोई सर्च इंजन नहीं है।
सीक्रेट लेनदेन के साथ अन्य प्रकार के अपराध, चाहे वह ड्रग्स डीलिंग, आर्म डीलिंग आदि आपराधिक कृत्य डार्क वेब पर किया जा सकते है जोकि पूरी तरह क्रिमिनल एक्टिविटी के अंतर्गत आते हैं।
DDoS अटैक (DDoS Attack in Hindi)
डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) अटैक से तात्पर्य किसी टार्गेटेड सर्वर, सर्विस या नेटवर्क के सामान्य ट्रैफ़िक को इंटरसेप्ट करना है। इनका उपयोग गलत तरीके से ऑनलाइन सेवा को बंद करने और नेटवर्क डाउन करने के लिए किया जाता है नेटवर्क डाउन होने के बाद हैकर सिस्टम को हैक करने की कोशिश करते हैं।
बॉटनेट (Botnet in Hindi)
बॉटनेट (Botnet) ऐसा नेटवर्क हैं जो मैलवेयर के द्वारा इन्फेक्टेड होता है जिन्हें दूर किसी स्थान से रिमोट हैकर्स द्वारा बाहरी रूप से कंट्रोल किया जाता है। रिमोट हैकर्स इन बॉटनेट के जरिए स्पैम भेजते हैं या दूसरे कंप्यूटरों पर हमला करते हैं।

समाज पर साइबर अपराध का प्रभाव (Impact of Cyber Crime on Society in Hindi)
साइबर क्राइम ऐसा कोई भी आपराधिक कार्य हो सकता है जो कंप्यूटर, नेटवर्क या इंटरनेट द्वारा किया जाता है जिन्हें हैकिंग, फ़िशिंग, स्पैमिंग आदि कहा जाता है। इस डिजिटल दुनिया में आपस में कनेक्टेड लोगों की भारी संख्या के कारण साइबर क्राइम अब पहले से कहीं अधिक बड़े खतरे को दर्शा रहा है।
साइबर अपराध ने इंटरनेट का उपयोग करने वालों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है, पिछले कुछ वर्षों में लाखों उपयोगकर्ताओं की जानकारी चोरी हुई है। इसने कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं में भी बड़ी सेंध लगाई गयी है। साइबर अपराध दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति, प्रोफेशन, इंडस्ट्री लगभग सभी के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।
साइबर अपराध से सावधानियां (Cyber Crime Precautions in Hindi)
आज साइबर अपराधी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों का फायदा उठाकर लगातार अपराध कर रहे हैं और कोई भी सुरक्षित नहीं है। ज्यादातर मामलों में साइबर वॉयलेशन का पता लगाने में किसी कंपनी/ऑर्गेनाइजेशन का औसत समय 200 दिनों से भी अधिक है।
अधिकांश इंटरनेट उपयोगकर्ता इंटरनेट उपयोग करते समय इस बात ध्यान नहीं देते हैं कि वे भी साइबर अपराध का शिकार हो सकते हैं और और बहुत कम लोग ही अपने पासवर्ड या इन्फॉर्मेशन जैसी अति सुरक्षित जानकारी समय समय पर अपडेट करते रहते हैं। यह कई लोगों को साइबर अपराध के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है और इसकी जानकारी होना महत्वपूर्ण है।
एक व्यक्ति के रूप में या एक व्यवसाय के रूप में अपनी सुरक्षा के लिए आप स्वयं को और दूसरों को उन सावधानियों के बारे में शिक्षित कर सकते हैं। इसमें कुछ सामान्य सावधानियां इस प्रकार हैं –
- वेबसाइट ब्राउज़ करते समय अनजान लिंक ना खोलें।
- पासवर्ड/क्रेडेंशियल दर्ज करने से पहले सुनिश्चित करें कि वेबसाइट सुरक्षित हैं।
- संदिग्ध ईमेल को फ़्लैग करें और रिपोर्ट करें।
- आकर्षित विज्ञापनों पर कभी भी क्लिक न करें।
- एंटीवायरस/एप्लिकेशन सिस्टम को अपडेट रखें।
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।
- वेब ब्राउज़र में कार्य हो जाने के बाद हिस्ट्री और कूकीज डिलीट कर दें।
आने वाले वर्षों में साइबर अपराध और तेजी से बढ़ेगा जिससे डेटा की सुरक्षा करना और चुनौतीपूर्ण होगा।